१५ अगस्त २००९. तब से अब तकरीबन डेढ़ बरस बीत चुके हैं। बस वही विदाई वाली पोस्ट पड़ी है। कुछ गोंदागादी नहीं हो पाई। इस दरम्यान पंकज भाई ने झाड़पोंछकर अपना ब्लॉग चमका लिया है। इस होली हम फिर सिलसिला शुरू करते हैं। अब चलता रहे हे होलिका माई। बोल कबीरा सारारारारा...
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