HULAS
रविवार, 30 दिसंबर 2007
जब नये साल का सूरज उगे
जब नये साल का सूरज उगे to..कुछ ऐसा हो...की बिला जाये अँधेरा ज़िंदगी का.. सूरज की रश्मि जब यौवन पर आये to जवान हो जाएं हमारी आकाक्षाएँ hआर हाथों मी काम हो..सबकी सजीली शाम हो
नया साल kuchh इस तरह हो नया..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बारे में
Pawan
लखनऊ में अखबारनवीसी। अपने लिए जो वक्त निकलता है उसमें से कुछ लम्हें दोस्तों के साथ गपाष्टक में बिताना पसंद करता हूं।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
ब्लॉग आर्काइव
►
2012
(1)
►
फ़रवरी
(1)
►
2011
(2)
►
दिसंबर
(1)
►
मार्च
(1)
►
2009
(3)
►
अगस्त
(1)
►
मई
(1)
►
फ़रवरी
(1)
►
2008
(10)
►
दिसंबर
(1)
►
नवंबर
(1)
►
अगस्त
(1)
►
जुलाई
(1)
►
अप्रैल
(2)
►
मार्च
(4)
▼
2007
(2)
▼
दिसंबर
(2)
जब नये साल का सूरज उगे
jivan men ullas aur hulas
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें