सोमवार, 7 अप्रैल 2008

मां.. जगद्जननी हमारा पोषण करें..

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संसि्थता नमस्तस्यै॥नमस्तस्यै..नमस्तस्यै नमो नमः..........हे देवी मैं यथाशकित आपकी उपासना करते हुए यह कामना करता हूं कि आप संपूर्ण जगत में शक्ति, शांति और समृद्धि का संचार करें। मां आन्नपूर्णा..आप भुखमरी और दरिद्रता से आकुल व्याकुल प्राणियों को उबारें। भय और दहशत से तप्त संसार को शीतल छाया प्रदान करें.. मां शीतला। हे महिषासुर मर्दिनी आप संहार करें आसुरी प्रवृत्तियों का। हे हंस वाहिनी,, आप विद्या रूपी प्रकाश से संसार का तमस दूर करें। जगद्जननी आप इस प्रकार हमारा पोषण करें। मुझमें नहीं है सामर्थ्य आपको प्रसन्न करने की। आप विवेक दें या स्वयमेव प्रसन्न हों भवानी........।

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